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कैसा होता है एक सच्चा पुत्र क्या है चाणक्य के अनुसार एक सुपुत्र के 4 गुण, जानिए
Aug 01 2019
माता पिता का सबसे बड़ा खजाना होता है उनकी संतान, माँ बाप अपनी संतान को खुश देखने के लिए कई प्रकार के दुखो का सामना करते है वे अपने संतान की छोटी से छोटी ख़ुशी के लिए हर मुसीबत से लड़ जाते है, एक माँ बाप का अपने बच्चो से केवल इतना चाहते है की उनके बच्चे दुनिया में अपना मुकाम हासिल करे और उनका नाम ऊँचा करे और बुढ़ापे में उनके हाथ की लाठी बने, उनका सहारा बने | इन सभी बातो को लेकर चाणक्य जी ने कुछ बातो के बारे में बताया था जो एक अच्छे और सच्चे पुत्र के बारे में बताती है, चाणक्य जी ने अपनी नीति में एक पुत्र के उन 4 गुणों के बारे में बताया था जिनसे यह पता चलता है की वह सुपुत्र है या कुपुत्र, आज हम आपको उन्ही 4 गुणों के बारे में बतायेगे जो ये निर्धारित करेंगे की आप एक सच्चे पुत्र है या नहीं |
- चाणक्य जी के अनुसार एक सच्चा पुत्र वो है जो एक आज्ञाकारी पुत्र है, एक सुपुत्र कभी भी अपने माता पिता के आदेश का निरादर नहीं करता है, वो उनके द्वारा कहीं गयी हर बात का पालन करता है उनकी हर आज्ञा मानता है, कभी भी उनके खिलाफ नहीं जाता है |
- आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सच्चा पुत्र कभी भी अपने पिता की कही बातों का बुरा नहीं मानता है, अगर उसके पिता ने कभी उसे डाट भी दिया हो तो वो कभी अपने पिता से द्वेष का भाव नहीं रखता है, और किसी भी बात को लेकर अपने पिता से जुबान नहीं लड़ाता है कभी भी मुँहतोड़ जवाब नहीं देता है, वह उनके द्वारा कही गयी बातो को अमल में लाता है |
- एक पुत्र कभी अपने माँ बाप को दुःख नहीं पहुंचाता है, वो कभी ऐसा काम नहीं करता है जिससे उसके माँ बाप को दुःख पहुंचे या समाज में उन्हें नीचा देखना पड़े, वो अपने माँ बाप की खुशियों का पूरा ख्याल रखता है, उन्हें कभी दुःख पहुंचने नहीं देता है |
- आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सच्चे पुत्र की सबसे बड़ी ख़ास बात यह है की वो अपने माँ बाप के बुढ़ापे में उनका सहारा बनता है, उनके बुढ़ापे की लाठी बनता है, वह ऐसा नहीं करता है की उन्हें बुढ़ापे में अकेला छोड़ दे और उनसे नाता तोड़ दे |
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